Sita Ramam Film 2022: एक ऐसी फिल्म जो छू लेगी आपका दिल
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Sita Ramam Film 2022: रायपुर। ये कहानी है आजादी से पहले एक भारतीय सेना के जवान और भारत के एक राज्य की राजकुमारी की। फिल्म में हीरो का किरदार निभाने वाला एक अनाथ होता है। जो सबकी खुशियों का सम्मान करता है।
Sita Ramam फिल्म के एक सीन में सेना का जवान खुद को अनाथ होने का जिक्र रेडियो पर करता, जिसके बाद उसे देश क कोने कोने से लोग अपनेपन का अहसास करने के लिए उसे चिट्ठी भेजते हैं। कोई भाई बनकर, तो कोई बहन बनकर, किसी ने माँ का आशीर्वाद ही चिट्ठी में बंद करके भेज दिया।
इन चिट्ठियों में से एक चिट्ठी राजकुमारी की भी होती है, जिसने उस भारतीय जवान से अपना रिश्ता सात जन्मों के लिए जोड़ लिया था, लेकिन अनजान बनकर।
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हमारा हीरो भी निकल पड़ता है, अपनी इतनी वर्षों की छुट्टियों को एकट्ठा करके उन सभी से मिलने, जिन्होंने उसे खत लिखकर उसके इस दुनिया में किसी के न होने की कमियों को पूरा कर दिया।
ज्यादा डीटेल में बताऊँगा तो मूवीज का मजा किरकर हो जाएगा या फिर ये भी हो सकता है फिल्म के निर्देशक मुझे ढूँढने लगे। अगर अपने इस फिल्म को देखना मिस कर दिया तो शायद आप फिल्मों के खजाने में से एक कोहिनूर देखना मिस कर देंगे।
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प्रसिद्ध फिल्म लेखक ने क्या कहा
प्रसिद्ध फिल्म लेखक परुचुरी गोपाल कृष्ण नवीनतम फिल्मों पर अपनी राय परचुरी पत्थला के माध्यम से देते हैं। हाल ही में उन्होंने ‘सीता रामम’ पर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि उन्हें यह फिल्म भी पसंद आई जो दर्शकों के दिल को छू लेने वाली साजिश के साथ आई और एक बड़ी सफलता बन गई।
उन्होंने कहा कि प्यार जैसी चीजें जो अलग-अलग पक्षों को छूती हैं, प्रभावशाली युद्ध की पृष्ठभूमि और दुखद अंत जो दर्शकों के दिमाग को झकझोर कर रख देता है, फिल्म को एक अविस्मरणीय फिल्म बनाती है।
परुचुरी ने कहा कि अतीत में, समान पृष्ठभूमि वाली कुछ फिल्मों ने दर्शकों को प्रभावित किया और व्यावसायिक रूप से सफल रहीं। उन्होंने याद दिलाया कि फिल्म ‘वीर-ज़ारा (2004)‘ जिसमें शाहरुख खान, प्रीति जिंटा और रानी मुखर्जी ने मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं, वह भी एक ही कथानक है।
लेकिन औसत दर्शक द्वारा अपेक्षित सुखद अंत के बजाय, निर्देशक ने एक दुखद अंत के साथ फिल्म का अंत किया, उन्होंने कहा कि ‘सीताराम’ एक अलग तरह की प्रेम कहानी थी।
लेकिन उन्होंने कहा कि अगर फिल्म को बदल कर दोनों को क्लाइमेक्स में मिलवा दिया जाता, तो यह एक अलग स्तर पर होता, और नायक की भूमिका के संदिग्ध अंत ने दर्शकों की आंखें नम कर दीं।
हालांकि, परुचुरी ने सुंदर प्रेम कविता बनाने के लिए निर्देशक हनु राघवपुडी की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी कहा कि इस फिल्म में अभिनय करने वाले दुलारे सलमान, मृणाल ठाकुर और रश्मिका मंदाना ने अपने प्रदर्शन से दृश्यों को खूनी बना दिया।
परुचुरी ने कहा कि बिना किसी समझौता के उच्च मूल्यों के साथ ‘सीताराम’ का निर्माण करने वाले अश्विनी दत्त ने बड़े अभिनेताओं को छोटी भूमिकाओं के लिए भी लिया।