नयी दिल्ली भारत के सबसे महान आध्यात्मिक नेताओं में से एक स्वामी विवेकानंद की 158 वीं जयंती पर राष्ट्र उनका अवलोकन कर रहा है। स्वामी विवेकानंद ने वेदांत और योग के भारतीय दर्शन पश्चिमी जगत के लिए पेश किए थे।
स्वामी विवेकानंद 1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में अपने प्रसिद्ध भाषण के बाद पश्चिमी दुनिया में लोकप्रिय हो गए। वह 19 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी रामकृष्ण मठ के संस्थापक और रामकृष्ण मिशन के मुख्य शिष्य भी थे। उन्हें भारत में हिंदू धर्म के पुनरुद्धार और 19 वीं शताब्दी के अंत में इसे प्रमुख विश्व धर्म के दर्जे में लाने के लिए एक बड़ी ताकत माना जाता था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और लोगों से उनके विचारों एवं आदर्शों का प्रसार करने की अपील की।
मोदी ने ट्विटर के माध्यम से अपने ऐप (नमो) का एक लिंक साझा किया, जिसके माध्यम से लोग स्वामी विवेकानंद के विचार साझा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। विवेकानंद जयंती पर नमो ऐप पर एक रचनात्मक प्रयास किया गया है, जो आपको उनके विचार एवं अपने व्यक्तिगत संदेश साझा करने की अनुमति देता है। आइए, स्वामी विवेकानंद के बहुआयामी विचारों एवं आदर्शों का दूर-दूर तक प्रसार करें।“
विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक दार्शनिक स्वामी विवेकानंद का कोलकाता में 1863 में जन्म हुआ था और उन्हें वेदांत के विचारों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है।
पीएम मोदी ने कई बार कहा है कि उनके जीवन में विवेकानंद के विचारों का गहरा प्रभाव है। उन्होंने हाल में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की थी।