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लेखक और गीतकार विकाश सक्सेना कर रहें है युवाओं को प्रोत्साहित
रायपुर/उत्तराखंड। लगातार कोशिश करना, सीखना और फिर आगे बढ़ना यही सफलता का मूल मंत्र है” यह कहना है, उत्तराखंड के विकाश सक्सेना का। जी हाँ, आपको बता दें विकाश सक्सेना उत्तराखंड के शहर टनकपुर के रहने वाले है इनके पिता राजेश कुमार सक्सेना टनकपुर डिपो रोडवेज में परिचालक पद से सेवानिवृत्त हैं। माता रेखा सक्सेना एक समाज सेविका हैं। परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े विकाश हैं। छोटी बहन अंजलि, पलक और छोटा भाई आर्यन है। वर्तमान में विकाश की उम्र महज़ 23 वर्ष है। राष्ट्रीय स्तर पर विकाश पहले की एक रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं।
वर्ष 2016 में महज़ 21 वर्ष की अवश्था उम्र में विकाश सक्सेना नई दिल्ली में हिंदुस्तानी भाषा अकादमी में पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा जी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर देश के सबसे कम उम्र के साहित्य समीक्षक के रूप सम्मानित किया गया। इसी सम्मान के साथ विकाश सक्सेना ने सबसे उम्र के साहित्य समीक्षक होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।
विकाश सक्सेना देश की कई पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहते हैं। विकाश महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की मासिक पत्रिका में भी प्रकाशित हुए है। विकाश ने कलम को कभी रुकने नहीं दिया चाहे परिस्थितियां कैसी भी रही हों। ज़िन्दगी के उतार- चढ़ाव में कलम को गति को कभी कम नहीं होने दिया।आज विकाश न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर लिखते है बल्कि अभी हाल ही में विकाश सक्सेना अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रकाशित हुए हैं।
लंदन की मीडिया स्कोटनेपाल डॉट कॉम में विकाश और उनके मित्र नीतीश राज़ द्वारा लिखा गया आलेख लाइफ : लाइफ : वॉयेज फ्रॉम एफेमेरल टू हमडिंगर प्रकाशित हुआ है।
विकाश उत्तराखंड के ऐसे पहले युवा कलमकार हैं जिनका आलेख प्रथम बार मे ही यूरोपीय देश मे प्रकाशित हुए हैं। आज विकाश युवा हुनरबाज़ों को मदद आगे बढ़ने में मदद ही नहीं कर रहे है बल्कि युवा लेखकों को लेखन की बारिकियों से अवगत भी करा रहे हैं।
प्रेरणा
आज लेकिन में जहाँ तक भी मैं पँहुच पाया हूँ इसका श्रेय मेरे ईश्वर स्वरूप मेरे माता-पिता, मेरे मामाज़ी, अनुपम कुमार सक्सेना, अनुज सक्सेना और मेरे मित्र देव कुशवाहा, चन्द्रशेखर, अभय और दिनेश ने हमेशा सराहा और मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और मेरा साथ दिया।
उपलब्धियाँ
राष्ट्रीय स्तर पर कई पत्र- पत्रिकाओं में प्रकाशित।
पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा जी द्वारा सबसे कम उम्र के साहित्य समीक्षक के रूप मर सम्मानित।
राष्ट्रीय स्तर पर 21 वर्ष की उम्र में सहित्य समीक्षक का रिकॉर्ड।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की पत्रिका में प्रकाशित।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर लंदन की मीडिया स्कोटनेपाल डॉट कॉम द्वारा प्रकाशित।