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एक बार फिर किसी की खुशहाल ज़िंदगी बसाने का मौका

 

रायपुर ( स्मार्ट सिटी ) . तेरा साथ है तो मुझे क्या कमी … अंधेरों से मिल रही रोशनी… वैसे ये गीत दो दिलों के अपनेपन का अहसास दिलाता तो जरूर है। लेकिन आज बदलते दौर में ये अपनापन कम होता नजर आ रहा है। अधिकत्तर इक-दूजे का साथ निभाने के लिए बंधे पवित्र बंधन में सभी शादीशुदा जोड़े हमेशा हंसते, मुस्कुराते, लड़ते-झगड़ते, रूठते-मनाते ज़िन्दगी के सफ़र को तय करते हुए अपनी मंज़िल पा ही लेते हैं।

 

कुछ ऐसे भी हैं, जो आज समाज में अकेले ज़िन्दगी का संघर्ष करते दिख जाएँगे, लेकिन आप उन्हें पहचान नहीं पाएंगे।

 

Nature care & welfare farewell social society raipur chhattisgarh
Nature care & social welfare society raipur chhattisgarh

ये ऐसे लोग हैं, जो तक़दीर के लिखे फैसलों के शिकार हैं। इनमें देश की रक्षा करने वाले शहीद की पत्नी भी हो सकती है या किसी शराबी, अत्याचारी आदि की प्रताड़ना की शिकार हुई महिला, जिसे समाज आज उपेक्षा भरी निगाहों से भी नहीं देखती।

खैर… मुद्दे की बात ये है कि, पिछले पांच वर्षों से समाज में विधवाओं की दशा सुधारने के लिए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ” नेचर्स केअर एंड सोशल वेलफेयर सोसायटी ” नाम की संस्था निःशुल्क विधवा-विधुर पुनर्विवाह के लिए संगठित प्रयास कर रही है।

इस कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकों के साथ ही जिलेवार प्रेस कांफ्रेंस का दौर जारी है। संस्था की अध्यक्ष डॉ. विनीता पाण्डेय ने बताया कि इस बार 29 जुलाई 2018 को रायपुर के वीआईपी रोड स्थित निरंजन लाल धर्मशाला में सुबह 9.30 बजे से कार्यक्रम शुरू होगा।

आज ही अपने परिवार को दें ये जरूरी जानकारी…

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अविवाहित पुरुष भी करा रहे पंजीयन

डॉ. विनीता ने आगे बताया कि इस वर्ष भी राष्ट्रीय स्तर पर उम्मीदवारों की संख्या और पूछताछ बढ़ रही है। इनमें विधवा-विधुर, तलाकशुदा पुरुष और महिलाओं के अलावा अविवाहित पुरुष भी अपना पंजीयन करवा रहे हैं। कार्यक्रम के सफलता पूर्वक आयोजन के लिए अलग-अलग समिति बनाकर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है।

डॉ. विनीता ने कहा कि, भारतवर्ष में हमारी इकलौता संस्था है, जिसके कार्यक्रम में सुविधाजनक परिचय सम्मलेन आयोजित होती है।

परिचय सम्मलेन में वधू पक्ष को समय दिया जाता है कि पहले आप-दूसरे के साथ परिवारों को समझ सकें, उन्हें जान सकेँ फिर इसके बाद विवाह के लिए हामी भरें। 

समाज में बहोत सी ऐसी महिलाएं हैं, जहाँ पर इस तरह की स्थिति होने के बावजूद मन की पीड़ा को अपने अंदर ही दबा लेतीं हैं। उनके मन में यह भय बना रहता कि समाज व परिवार के लोग क्या कहेंगे? डॉ. विनीता ने लोगों से अपील की है कि वे अपने आसपास ऐसी महिलायों की भावनाओं को समझ कर उन्हें नई ज़िंदगी देने में मदद करें।

 बस आपको करना ये है कि अगर आपकी नज़र में कोई हो ऐसा तो उस तक इस सन्देश को जरूर पहुंचायें। ताकि आपकी एक कोशिश किसी की अंधेरों से भरी दुनिया को रोशन कर सके।

अधिक जानकारी और फॉर्म के लिए इन मोबाईल नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

+91 9826191068 ( डॉ. विनीता पांडेय )

9179062989

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