मुख्यमंत्री ने खुड़मुड़ा पहुंचकर शोक संतप्त परिवारजनों को बंधाया ढांढस
रायपुर दुर्ग जिले के ग्राम खुड़मुड़ा, पाटन ब्लॉक में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खुड़मुड़ा गांव पहुंचकर शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया।
चार बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपये बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किए जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हादसे में स्वर्गीय बालाराम सोनकर के परिवार के बचे 4 बच्चों की पढ़ाई का खर्च राज्य सरकार उठाएगी। चार बच्चों के लिए एक-एक लाख रुपए की राशि बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट की जाएगी।
बच्चों के लालन पालन के लिए परिजनों को दी जाएगी एक लाख रुपये की राशि
बच्चों के लालन पालन के लिए एक लाख रुपये परिजनों को दिए जाएंगे।मुख्यमंत्री को परिजनों ने वारदात के संबंध में विस्तार से घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने इस मामले में अब तक हुई जांच के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली।
पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा तथा दुर्ग के पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर ने उन्हें विस्तार से जांच की प्रगति की जानकारी दी। इस मौके पर संभागायुक्त टीसी महावर, जिला पंचायत दुर्ग के सीईओ सच्चिदानंद आलोक, अपर कलेक्टर प्रकाश सर्वे, एएसपी रोहित झा और प्रज्ञा मेश्राम सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा भी उपस्थित थे।
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राजधानी रायपुर के करीबी गांव अमलेश्वर के खुड़मुड़ा में सोनकर परिवार के चार सदस्यों की हुई हत्या ने पूरे प्रदेश को भय में रख दिया है। वही इस हत्याकांड के आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस नाकाम होती दिखाई दे रही है
सोनकर समाज ने सीबीआई से घटना की जांच कराए जाने की मांग की है।
बता दे की सोनकर समाज के गजेंद्र सोनकर ने प्रेस वार्ता में कहा कि 21 दिसंबर को ग्राम खुड़मुड़ा में सोनकर समाज के एक ही परिवार के 4 लोगों की भयंकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद से गांव में दहशत का माहौल है।
घटना 21 दिसंबर को हुई है जिसको आज कुल 4 दिन ही चुके है लेकिन इस मामले में किसी प्रकार की पुलिस द्वारा अपराधियो की कोई पतासाझी नहीं की गई यह पुलिस की एक बड़ी नाकामी दिखाई पड़ रही है।
उन्होंने राज्य सरकार से मामले में सीबीआई की जांच करने की मांग करते हुए कहा की आरोपी की गिरफ्तारी के बाद फांसी की सजा सुनाई जानी चाहिए उन्होंने कहा के सोनकर समाज केवल सब्जी और खेती किसानी पर निर्भर रहता है, इसीलिए हमें हर परिस्थितियों में सह-परिवार अपनी बाड़ी में सोना पड़ता है,
इसीलिए गांव में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए। वही उन्होंने बताया कि गांव में भूमाफिया भी एक्टिव हो गय है शहर से बिल्डर आते है और अपनी प्रॉपर्टी बनाने की बात करते हुए गाव वालो पर दबाव बनाते हुए जमीन छीन ली जाती है साथ ही कोई गांव वाला उनकी बात नहीं सुनता तो उनकी जमीन छीन ली जाती है।
सोनकर समाज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आप लोग गाँव मे सर्वे कर सकते हैं। इन बिल्डरों को जमीन बेचकर कोई भी किसान खुश नहीं रहता है।
आज के समय में सिर्फ सोनकर समाज ही नहीं बल्कि पूरा किसान जगत पीड़ित है सोनकर समाज ने अपनी बात रखते हुए कहा कि क्या एक किसान को खुद की जमीन अपने अधिकार से बेचने का हक है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी कृषि भूमि अपने लोगों को बेचना चाहता हैं, ना कि किसी बिल्डर को बेचना चाहता है तो उसे क्यों रोका जाता है।