नई दिल्ली । कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के तमाम हिस्सों में पैर फैलाना शुरू कर दिया है। इस बीच विशेषज्ञों ने दूसरे लहर के पीक को लेकर लोगों को सचेत किया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के शोधकर्ताओं की टीम ने आशंका जताई है कि अप्रैल के मध्य में दूसरे लहर की पीक आ सकती है।
इतना ही नहीं करीब 25 लाख लोग इस लहर की चपेट में आ सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक यह लहर कम से कम 100 दिनों की हो सकती है, यानी इसकी शुरुआत अगर फरवरी से मानें तो इसका असर मई-जून तक देखने को मिल सकता है।
टीकाकरण से ही उम्मीद
विशेषज्ञों ने बताया है कि अब तक इसके प्रभावों को कम करने के लिए जो लॉकडाउन और प्रतिबंध लगाए गए हैं उनसे कोई विशेष फायदा नजर नहीं आ रहा है। ऐसी स्थिति में टीकाकरण से ही उम्मीद शेष बची है। टीकाकरण के अभियान को और तेज करके ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित करने का यही एकमात्र तरीका नजर आ रहा है। रोजाना 34 लाख से बढ़ाकर 40-45 लाख लोगों को टीका दिए जाने की आवश्यकता है।
फिर बढ़ने लगे हैं मामले
देश में कोरोना के मामलों में पिछले दिनों तेजी से उछाल देखने को मिली है। अब तक एक करोड़ 17 लाख से अधिक लोग कोरोना से संक्रिमत हो चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक 22 अक्टूबर के बाद देश में पहली बार एक दिन में 53 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। गुरुवार को 53,476 मामले दर्ज किए गए, इससे पहले 22 अक्टूबर 2020 को यह आंकड़ा 54,366 था। पिछले 24 घंटे में 251 लोगों की मौत भी हो चुकी है।
आईसीएमआर ने लोगों से की अपील
आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल बलराम भार्गव ने लोगों से मास्क लगाकर रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण ही सुरक्षा का सबसे प्रभावी उपाय है इसलिए टीकाकरण कार्यक्रम को और तेज करने की जरूरत है। कोरोना की जांच, मास्क और टीकाकरण ही इस बीमारी से बचने के उपाय हैं।